ताजा खबर

ISI से लेकर चीन तक, भारत विरोधी सभी ताकतें… बांग्लादेश पर ओवैसी ने चेताया

Photo Source :

Posted On:Monday, December 29, 2025

बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद उपजी अस्थिरता और वहां अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर हो रहे हमलों ने भारत में राजनीतिक हलचल तेज कर दी है। इसी क्रम में AIMIM प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए बांग्लादेशी हिंसा की कड़े शब्दों में निंदा की है। ओवैसी का यह बयान न केवल पड़ोसी देश के हालात पर चिंता दर्शाता है, बल्कि भारत की सुरक्षा और आंतरिक स्थिति को लेकर भी कई सवाल खड़े करता है।

नीचे ओवैसी के बयान और बांग्लादेश के मौजूदा हालातों पर आधारित विस्तृत विश्लेषण दिया गया है:

बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंसा: ओवैसी की निंदा और सुरक्षा की मांग

रविवार को मीडिया से बात करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने बांग्लादेश में हाल ही में हुए दीपू चंद्र दास और अमृत मंडल की हत्याओं पर गहरा दुख जताया। उन्होंने कहा कि एक सभ्य समाज में इस तरह की हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। ओवैसी का यह बयान उस समय आया है जब सोशल मीडिया पर बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों की खबरें लगातार सुर्खियां बटोर रही हैं।

1. संवैधानिक जनादेश और अल्पसंख्यकों का भविष्य

ओवैसी ने याद दिलाया कि बांग्लादेश की बुनियाद 'धर्मनिरपेक्ष बांग्ला राष्ट्रवाद' पर रखी गई थी।

  • अल्पसंख्यकों की संख्या: बांग्लादेश में करीब 2 करोड़ लोग ऐसे हैं जो मुस्लिम नहीं हैं। ओवैसी के अनुसार, इन अल्पसंख्यकों पर हमला करना बांग्लादेश के अपने संवैधानिक जनादेश के खिलाफ है।

  • यूनुस सरकार से उम्मीद: उन्होंने अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस से अपील की कि वे यह सुनिश्चित करें कि हर अल्पसंख्यक नागरिक सुरक्षित महसूस करे।

2. भारत की सुरक्षा और विदेशी ताकतों का दखल

ओवैसी ने बांग्लादेश के हालात को भारत की आंतरिक सुरक्षा से जोड़ते हुए एक बड़ी चेतावनी दी।

  • पूर्वोत्तर पर प्रभाव: उन्होंने स्पष्ट किया कि बांग्लादेश में स्थिरता भारत के पूर्वोत्तर राज्यों (Seven Sisters) की सुरक्षा के लिए अनिवार्य है।

  • दुश्मन ताकतों की मौजूदगी: ओवैसी ने गंभीर आरोप लगाया कि चीन और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी (ISI) जैसी भारत विरोधी ताकतें अब बांग्लादेश की अस्थिरता का फायदा उठा रही हैं। उन्होंने कहा कि फरवरी 2026 में होने वाले चुनावों के बाद उम्मीद है कि रिश्ते फिर से पटरी पर लौटेंगे।

3. भारत-बांग्लादेश संबंधों पर सरकार को समर्थन

राजनीतिक मतभेदों के बावजूद, ओवैसी ने बांग्लादेश के साथ संबंधों को सुधारने के लिए भारत सरकार द्वारा उठाए जा रहे कूटनीतिक कदमों का खुला समर्थन किया। उन्होंने कहा कि तनाव बढ़ने के बजाय कूटनीति के जरिए मामले को सुलझाया जाना चाहिए।

4. भारत की आंतरिक स्थिति पर कटाक्ष

अपने चिरपरिचित अंदाज में ओवैसी ने देश के भीतर हो रही हिंसा पर भी सरकार को घेरा।

  • मॉब लिंचिंग का जिक्र: उन्होंने ओडिशा में पश्चिम बंगाल के मजदूर की हत्या और उत्तराखंड में आदिवासी छात्र एंजेल चकमा की मौत का उदाहरण दिया।

  • कानून का राज: ओवैसी का तर्क था कि चाहे बांग्लादेश हो या भारत, जब 'बहुसंख्यकवाद' (Majoritarianism) कानून के राज पर हावी होता है, तो सबसे पहले अल्पसंख्यक ही शिकार होते हैं।


उदयपुर और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. Udaipurvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.